उपचुनाव के नतीजों ने बढ़ाया INDIA ब्लॉक का हौसला, BJP को झटका... अब सामने UP की अग्निपरीक्षा

4 months ago 14

देश के 7 राज्यों में 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं. स्कोर बोर्ड में 10 सीटें जीतकर इंडिया ब्लॉक ने 2 सीट जीतने वाली बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. बीजेपी को सबसे बड़ा झटका लगा है बंगाल में, जहां 4 सीटों पर उसे टीएमसी के हाथों मात खानी पड़ी, वह भी तब जब बंगाल में इन चार सीटों में से 3 सीटों पर पिछले चुनाव में बीजेपी का कब्जा था. दूसरी बड़ी हार उत्तराखंड की बदरीनाथ सीट पर मिली है. हिमाचल में भी कांग्रेस ने बीजेपी को सदमा दिया है.

इंडिया ब्लॉक में जीत का जश्न
लोकसभा चुनाव के बाद सियासी दलों की ये सबसे बड़ी परीक्षा थी, जिसमें इंडिया ब्लॉक ने एनडीए को चित्त कर दिया है. 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने इंडिया गठबंधन को खुशी मनाने का बडा मौका दे दिया है. बंगाल में टीएमसी ने सभी चारों सीटें जीतकर जलवा बिखेरा है तो उत्तराखंड की दोनों सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं. हिमाचल में भी 3 में से 2 सीटों पर कांग्रेस ने विजय पताका लहराई है तो पंजाब की इकलौती सीट आप की झोली में गिरी है. तमिलनाडु की एकमात्र सीट पर डीएमके ने कब्जा जमाया है. 

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बद्नीनाथ ने भी कह दिया तथास्तु कांग्रेसः हरीश रावत

उपचुनाव में इंडिया ब्लॉक की बल्ले-बल्ले हुई है. हरीश रावत ने बदरीनाथ में बीजेपी की हार को लेकर कहा कि ये ऊपर वाला और प्रकृति अतिवाद का दंड देती है. भगवान राम की धरती अयोध्या में इंडिया ब्लॉक की जीत बहुत महत्वपूर्ण है. अब इस पर बदरीनाथ की जीत ने भी मुहर लगा दी है. बदरीनाथ की जीत के साथ भगवान विष्णु ने कह दिया तथास्तु कांग्रेस. देखिएगा, समय आएगा, हम केदारनाथ से भी जीतेंगे. राहुल शिवभक्त हैं और केदारनाथ का भी आशीर्वाद उन्हें मिलेगा. अब बीजेपी का अतिवाद नहीं चलेगा. 

प्रदेश की जनता ने खरीद-फरोख्त की राजनीति को नकाराः सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू

उधर, हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, 'जनता ने धनबल को हराया है और जनबल की जीत हुई है. प्रदेश की जनता ने खरीद-फरोख्त की राजनीति को नकार कर अपना वोट राज्य में राजनीतिक पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए दिया है. उन्होंने कहा कि देहरा में 25 वर्षों के बाद कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है और नालागढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी बड़े अंतर से जीते हैं. हिमाचल प्रदेश में अब कोई भी पार्टी आने वाले 50 साल में खरीद-फरोख्त की राजनीति करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी और प्रदेश से यह संदेश पूरे देश की राजनीति में जाएगा.' 

उपचुनाव का स्कोर कार्ड

उपचुनाव के स्कोर कार्ड की बात करें तो 13 में से इंडिया ब्लॉक के खाते में 10 सीट, एनडीए के पक्ष में 2 सीट और अन्य की झोली में 1 सीट गई है. बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा है और यह पार्टी के लिए चिंताजनक है. बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली है. सबसे बड़ा झटका बंगाल में लगा जहां सभी 4 सीटों पर बीजेपी को हार मिली है, जबकि हिंदी पट्टी यानी उत्तराखंड की दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को फजीहत झेलनी पड़ी है. 

किस सीट से कौन जीता?

राज्य विधानसभा सीट जीते हारे
पश्चिम बंगाल    
 

रानाघाट दक्षिण 

मानिकतला

बागदा

रायगंज
 

TMC

TMC

TMC

TMC

BJP

BJP

BJP

BJP

हिमाचल प्रदेश    
 

देहरा 

नलगढ़ 

हमीरपुर 

कांग्रेस

कांग्रेस

बीजेपी

भाजपा

भाजपा

कांग्रेस

उत्तराखंड
 

बद्रीनाथ 

मंगलौर 

कांग्रेस

कांग्रेस

भाजपा

BSP

मध्य प्रदेश     अमरवाड़ा  बीजेपी  कांग्रेस
बिहार रुपौली निर्दलीय जेडीयू
पंजाब जालंधर पश्चिम AAP भाजपा
तमिलनाडु विक्रवंडी DMK PMK

BJP सिर्फ हिमाचल में हमीरपुर और मध्यप्रदेश में अमरवाड़ा सीट पर जीत का झंडा लहरा पाई. यहां कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया लेकिन पार्टी दिग्गजों के लिए ये नतीजे उनकी पेशानी पर बल डालने वाले हैं. इस चिंता की बड़ी वजह ये है कि अब उत्तर प्रदेश में भी 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है और बीजेपी के लिए ये एक बड़ी अग्निपरीक्षा होगी.

इससे एक दिन पहले शुक्रवार को हुआ महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव NDA के लिए शुभ साबित हुआ था. महाराष्ट्र में विधान परिषद की 11 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए के लिए अच्छी खबर तब आई थी, जब 9 सीटों पर उसके सभी 9 उम्मीदवारों की जीत हुई और महाविकास अघाड़ी को सिर्फ 2 सीटें ही मिलीं.

महाराष्ट्र में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महायुति के लिए ये शुभ संकेत है, लेकिन 7 राज्यों में 13 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे इंडिया ब्लॉक का हौसला और बढ़ाने वाला है. दूसरी ओर यह एनडीए के लिए चिंतन-मंथन के एक और दौर की शुरुआत का संकेत है.

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उपचुनाव में किस सीट पर कौन चुने गए नए विधायक.

उत्तराखंड: उत्तराखंड में मंगलौर और बद्रीनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ था. इन सीटों पर पहले कांग्रेस और बसपा का कब्जा था और बीजेपी के सामने थी सीट को हथियाने की चुनौती, जिसमें वह सफल नहीं हो सकी. बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने करीब 5 हजार से अधिक वोटों से बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को शिकस्त दी. राजेंद्र भंडारी ही पहले यहां से विधायक थे लेकिन बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे.

मंगलौर सीट जो बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद खाली हुई थी, उस सीट पर पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने बाजी मारी और कड़े मुकाबले में उन्होंने बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना को 400 से अधिक वोटों से हराया. काजी निजामुद्दीन इस सीट पर पहले भी 3 बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं.

हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश की तीन सीटों में से 2 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. देहरा सीट से सीएम सुक्खू की पत्नी 9399 वोटों से चुनाव जीतीं तो वहीं नालागढ़ सीट से कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने बीजेपी के के. एल. ठाकुर को करीब 9 हजार वोटों से हराया. हमीरपुर में बीजेपी के आशीष शर्मा ने कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को कड़े मुकाबले में 1571 वोटों से हराया. पहले ये तीनों सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के पास थी.

पश्चिम बंगाल: राज्य की चार विधानसभा सीटों पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने क्लीन स्वीप किया है. रायगंज, बागदा, राणाघाट और मानिकतला सीट पर टीएमसी उम्मीदवारों ने शानदार जीत हासिल की है. रायगंज सीट से टीएमसी प्रत्याशी कृष्णा कल्याणी ने बीजेपी उम्मीदवार मानस कुमार घोष को 49 हजार वोटों से ज्यादा के अंतर से शिकस्त दी.

वहीं बागदा सीट पर टीएमसी की उम्मीदवार मधुपर्णा ठाकुर ने 33455 वोटों से जीत हासिल की. इसके अलावा राणाघाट से टीएमसी के मुकुट मणि ने बीजेपी के मनोज कुमार बिस्वास को करीब 39 हजार वोटों से हराया. मानिकतला सीट पर टीएमसी की सुप्ती पांडे ने बीजेपी के कल्याण चौबे को 41406 वोटों से हराया.

पंजाब: जालंधर पश्चिम सीट से आम आदमी पार्टी के मोहिंदर भगत ने बीजेपी के शीतल अंगुरल को करीब 37 हजार वोटों से हराया. पहले यह सीट आम आदमी पार्टी के पास ही थी और शीतल ही यहां से विधायक थे लेकिन बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ.

बिहार: बिहार की रुपौली सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ है यहां निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जेडीयू और आरजेडी जैसे दलों को पीछे छोड़ते हुए जीत हासिल कर ली है. जेडीयू के कलाधर मंडल दूसरे नंबर पर रहे जबकि इस सीट से विधायक रही बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं. बीमा भारती के जेडीयू में शामिल होने की वजह से यहां सीट रिक्त हुई थी. बीमा भारती ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वहां भी वह तीसरे नंबर पर रहीं.

तमिलनाडु: तमिलनाडु की विकरावंडी सीट पर सत्ताधारी डीएमके ने जीत हासिल की है. डीएमके के अन्नियुर शिवा शिवाशनमुगम. ए ने पट्टाली मक्कल काची पार्टी (PMK) के अन्बुमणि. सी को 50 हजार से अधिक वोटों से हराया.

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश की अमरवाड़ा सीट पर भी रिजल्ट सामने आ गया है. मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर मतगणना में सामने आया है कि, बीजेपी से कमलेश शाह 3252 वोटों से जीत गए हैं तो वहीं कांग्रेस से धीरन शाह की हार हो गई है. 2023 के विधानसभा चुनाव में अमरवाड़ा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन कमलेश प्रताप बाद में बीजेपी में शामिल हो गए जिसके बाद यह सीट खाली हो गई.

यूपी में भी होने हैं उपचुनाव, बीजेपी के लिए क्यों कठिन हो रही ये डगर
शनिवार को 13 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में जो परिणाम सामने आए हैं, बीजेपी के लिए ये चिंता का विषय बन गया है. दरअसल यूपी में साल 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उसके परिणामों का लिटमस टेस्ट अभी होने वाले उपचुनाव में हो जाएगा.

यूपी में नहीं थम रही सियासी हलचल
बता दें कि, लोकसभा के चुनावी नतीजों के बाद से यूपी के सियासी गलियारों में उठी हलचल थम नहीं रही है. बीजेपी लगातार चुनावी नतीजों की समीक्षा में जुटी है. जमीनी स्तर पर भी खराब प्रदर्शन की वजहों की पड़ताल कर रही है, लेकिन इन कोशिशों के बीच अब बीजेपी के ही कुछ नेताओं के तेवर तल्ख हो रहे हैं जो यूपी में पार्टी के सामने नई चुनौती खड़ी कर रहे हैं.

बीजेपी विधायक ने अपनी ही पार्टी को चेताया
ताजा बयान है यूपी के जौनपुर की बदलापुर सीट से बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा का, जिन्होंने वीडियो जारी कर साफ शब्दों में प्रदेश में पार्टी की स्थिति को खराब बताया और ऐसी स्थिति में विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत को मुश्किल बताया. बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि, 'इस समय जैसी स्थिति है उस हिसाब से 2027 में हमारी पार्टी की सरकार नहीं बनेगी. रमेश मिश्रा का बयान सामने आते ही विपक्षी दलों को बीजेपी पर हमले का बड़ा मौका मिल गया है.

बीजेपी विधायक ने पेश की सफाई 
हालांकि रमेश मिश्रा ने वीडियो जारी कर सफाई देते हुए कहा है कि, उनकी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. समाजवादी पार्टी के लोग इसको मुद्दा बना रहे हैं लेकिन मेरा यह आशय नहीं था. 2027 में फिर भाजपा की सरकार आएगी कोई रोक नहीं सकता.

रमेश मिश्रा के बयान से पार्टी और संगठन असहज
बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा के बयान ने पार्टी और संगठन को असहज स्थिति में ला दिया है, साथ ही विपक्षी नेताओं को यूपी सरकार पर हमले का बड़ा मौका दे दिया है. सपा नेता सुनील सिंह साजन ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कह कि, 'रमेश मिश्रा कह रहे हैं कि PDA बीजेपी को हरा देगी तो क्या झूठ है, इसी पीडीए ने भाजपा को हाफ किया है, यही बीजेपी को 2027 में साफ करेगा.' उधर, कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अभी तो ये असंतोष की शुरुआत है.'

यूपी सरकार के पूर्व मंत्री ने भी दी है चेतावनी
हालांकि राजेश मिश्रा पहले नेता नहीं हैं जिन्होंने पार्टी को सचेत करने की कोशिश की है. इससे पहले यूपी सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह भी भरे मंच से थानों-दफ्तरों में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा चुके हैं. अब बीजेपी नेताओं के ऐसे बयानों के आधार पर विपक्षी योगी सरकार को घेरने में लगे हैं.

इसलिए बीजेपी के लिए चुनौती बनता जा रहा है यूपी उपचुनाव
लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और प्रदेश की 80 सीटों पर NDA गठबंधन 36 सीटें ही जीत सका. उधर, यूपी की 43 सीटों पर जीत के बाद विपक्षी दल जरदस्त उत्साह में हैं. बीजेपी नेताओं के ऐसे बयानों को अखिलेश यादव PDA वाले दांव का असर बता रहे हैं और आने वाले चुनावों में भी बीजेपी की हार का दावा कर रहे हैं. आने वाले समय में यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ये चुनाव बीजेपी के लिए भी बेहद अहम हैं, लेकिन उपचुनावों से ठीक पहले पार्टी नेताओं के ऐसे बयानों से चुनावी चुनौती बढ़नी भी तय है.

Article From: www.aajtak.in
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