तीन हफ्ते के अंदर नॉर्थ कोरिया ने चौथी बार मिसाइल टेस्ट किया है. इस बार उत्तर कोरिया की सेना ने अंतरमहाद्वीपीय टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल में हथियार लगाकर उसे दागा है. इस मिसाइल का नाम है Hwasong-11Da-4.5. इसमें 4.5 टन का विशालकाय वॉरहेड लगा था.
उत्तर कोरिया ये देखना चाहता था कि इतने वजन का वॉरहेड लेकर मिसाइल क्या उड़ान के समय संतुलित रहती है. क्या उसकी सटीकता सही रहती है. यह मिसाइल 500 किलोमीटर की अधिकतम रेंज की है. जबकि कम से कम यह 90 km तक मार कर सकती है. उत्तर कोरिया ने पहली बार इस बात का खुलासा किया है उसने हथियार के साथ मिसाइल का परीक्षण किया है.
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प्योंगयांग ने इस टेस्ट का नाम Hwasongpho-11 Da-4.5 रखा था. हालांकि कोरिया की सरकार या किसी भी एजेंसी ने ये नहीं बताया कि मिसाइल में लगाया गया वॉरहेड किस तरह का था. दक्षिण कोरिया ने एक दिन पहले ही यह जानकारी दी थी कि उत्तर कोरिया ने दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं. लेकिन दूसरी मिसाइल लॉन्च होते ही आसमान में फट गई थी.
डिजाइन के मुताबिक वॉरहेड ले जाती हैं मिसाइलें
बैलिस्टिक मिसाइलें अपनी डिजाइन के हिसाब से पारंपरिक, केमिकल, बायोलॉजिकल या परमाणु हथियार ले जा सकती है. संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा भी उत्तर कोरिया पर कई तरह के सैंक्शंस लगाए गए हैं. ताकि वह परमाणु शक्ति न बढ़ा सके.
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फिर मिसाइल टेस्ट करने को तैयार उत्तर कोरिया
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया फिर इसी तरह का मिसाइल टेस्ट जल्द ही करेगा. इस मिसाइल में यह और बड़ा वॉरहेड लगाएगा. हालांकि दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट कई बार धोखा होती हैं. बैलिस्टिक मिसाइल को देश के अंदर करना संभव ही नहीं है.
लगातार दक्षिण कोरिया को उकसाने की कोशिश
उत्तर कोरियाई मिलिट्री सीमा से दक्षिण कोरिया सिर्फ पांच किलोमीटर दूर है. ऐसे में इतने ताकतवर मिसाइल का टेस्ट संभव नहीं हैं. कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने सैकड़ों गुब्बारे दक्षिण कोरिया की तरफ भेजे थे. इन गुब्बारों में कचरा भरा था. उत्तर कोरिया फिलहाल इस बात से परेशान है कि रूस और उत्तर कोरिया के संबंध बेहतर हुए हैं. यह भी शक है कि उत्तर कोरिया रूस को मिसाइल और आर्टिलरी के गोले भेज रहा है.