अमेरिका के 'सीक्रेट' लीक कर दुनिया में तहलका मचाने वाले जूलियन असांजे की दिलचस्प दास्तान!

7 months ago 17

Wikileaks वेबसाइट के संस्‍थापक जूलियन असांजे को आखिरकार बड़ी राहत मिली है. वो 5 साल बाद ब्रिटेन की जेल से रिहा हो गए हैं. उनकी ये रिहाई अमेरिका से एक डील के तहत हुई है. वो अमेरिका की अदालत में अपनी रिहाई के बदले में जासूसी के दोष को स्वीकर करने के लिए सहमत हो गए हैं. इसी के साथ ही पुराना कानूनी ड्राम भी खत्म हो गया है.

जूलियन असांजे की रिहाई पर जहां ऑस्ट्रेलिया में लोगों ने खुशी जाहिर की है, वहीं उनकी पत्नी स्टेला असांजे ने भी राहत की सांस ली है. उन्होंने ये उम्मीद जताई है कि दोबारा ये दिन ना देखना पड़ेगा. विकीलीक्स की प्रधान संपादक क्रिस्टिन ह्राफ्सन ने कहा, "मैं अभी बेलमार्श जेल से बाहर आई हूं. मुझे उम्मीद है कि ये जेल में जूलियन असांजे से मिलने की मेरी आखिरी यात्रा होगी.''

ऑस्ट्रेलिया मूल के जूलियन असांजे की रिहाई की जानकारी विकिलीक्स ने मंगलवार की सुबह दी है. बुधवार को असांजे अमेरिका पहुंच जाएंगे. वहां कोर्ट में उन्हें 62 महीने की जेल की सजा सुनाई जाएगी, जो ब्रिटेन की जेल में बिताई पांच साल की सजा के आधार पर पूरी मानी जाएगी. लिहाजा इसके बाद वो पूरी तरह आजाद होंगे. अपने देश ऑस्ट्रेलिया जा सकेंगे.

जेल में मंगेतर से की थी शादी

जूलियन असांजे पर जासूसी के 17 आरोप हैं. करीब 15 साल पहले उनकी वेबसाइट पर अमेरिकी दस्तावेजों के प्रकाशन को लेकर कंप्यूटर के दुरुपयोग का एक आरोप था. असांजे सात साल तक लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण लिए हुए थे. उसके बाद पांच साल उन्होंने लंदन की जेल में बिताए. साल 2022 में जेल में ही अपनी मंगेतर स्टेला मॉरिस से शादी की थी. 

शादी से पहले दो बच्चों का जन्म

असांजे और स्टेला की शादी में सिर्फ चार मेहमान, दो गवाह और दो गार्ड शामिल हुए थे. इन दोनों की मुलाकात साल 2011 में तब हुई थी, जब असांजे ने अपनी कानूनी टीम में मॉरिस को शामिल किया था. इसके बाद दोनों के बीच साल 2015 में रिश्ता शुरू हुआ. लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में रहने के दौरान मॉरिस ने असांजे के दो बच्चों को जन्म दिया था.

जानिए कौन है जूलियन असांजे? 

ऑस्ट्रेलिया में जन्मे जूलियन असांजे पेशे से पत्रकार और हैकर रहे हैं. उन्होंने साल 2006 में विकिलीक्स की स्थापना की थी. साल 2010 में विकिलीक्स उस वक्त चर्चा में आया, जब उसने अमेरिकी सेना के कुछ खुफिया दस्तावेज लीक कर दिया. इसके बाद अमेरिकी सरकार ने उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी. विकिलीक्स ने साल 2007 में पहली गोपनीय जानकारी लीक की थी.

जानिए क्या है विकिलीक्स? 

विकिलीक्स एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है. इसकी वेबसाइट साल 2006 में शुरू हुई थी. इस पर खुफिया जानकारी, न्यूज लीक और गोपनीय जानकरियां पब्लिश की जाती रही हैं. इसके लॉन्च होने के बाद महज एक साल के अंदर ही 12 लाख से अधिक डॉक्यूमेंट्स का डेटाबेस तैयार हो गया था. इसने ऐसे कई अहम डॉक्यूमेंट्स जारी किए, जिन्होंने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी. 

crime

विकिलीक्स के सनसनीखेज खुलासे

1. साल 2007 के नवंबर में विकिलीक्स ने सबसे पहले ग्वांतानामो बे जेल से जुड़े हुए गोपनीय दस्तावेज लीक किए थे. उन्होंने क्यूबा की इस खतरनाक जेल से जुड़े 238 पेजों के दस्तावेज पब्लिश किए थे. इन दस्तावेजों से पता चला कि बगैर पुख्ता सबूतों के लोगों को कई सालों तक इस जेल में कैद करके रखा गया. वहीं समाज के लिए बेहद खतरनाक अपराधियों को आसानी से रिहा कर दिया गया.

2. साल 2007 के जुलाई में विकिलीक्स ने बगदाद हवाई हमले की फुटेज जारी कर सनसनी मचा दी थी. उसके द्वारा जारी वीडियो में देखा गया था कि किस तरह अमेरिकी सैनिक इराकी पत्रकारों को निशाना बना रहे थे. इसको दुनियाभर में 'कोलेट्रल मर्डर वीडियो' के रूप में जाना गया था.

3. विकिलीक्स साल 2009 में अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले के 24 घंटो के भीतर भेजे गए पांच लाख से अधिक मैसेज को पब्लिश किया था. इसके बाद दुनिया में तहलका मच गया था. ये मैसेज अमेरिकी रक्षा मंत्रालय, एफबीआई और न्यूयॉर्क पुलिस के अफसरों से जुड़े थे.

4. विकिलीक्स ने साल 2010 में अमेरिका की इराक और अफगानिस्तान में की गई सैन्य कार्रवाई के सैंकड़ों गोपनीय दस्तावेज पब्लिश किए. इनमें से 90 हजार से अधिक दस्तावेज अफगानिस्तान वॉर और चार लाख से अधिक दस्तावेज इराक वॉर से जुड़े थे. इनमें सरकार की खुफिया जानकारियां दर्ज थीं. अफगानिस्तान और इराक में की गई अमेरिकी कार्रवाई में स्थानीय लोगों की मौत, लादेन की तलाशी और आतंकियों का समर्थन करते ईरान से जुड़े दस्तावेज शामिल थे.

5. विकिलीक्स ने साल 2010 से 2011 तक अमेरिकी सरकार के दो लाख पचास हजार से ज्यादा डॉक्यूमेंट लीक किए थे. ये सभी दिसंबर 1966 से फरवरी 2010 तक के बीच के थे. उस समय अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर हमला करार दिया था.

Article From: www.aajtak.in
Read Entire Article



Note:

We invite you to explore our website, engage with our content, and become part of our community. Thank you for trusting us as your go-to destination for news that matters.

Certain articles, images, or other media on this website may be sourced from external contributors, agencies, or organizations. In such cases, we make every effort to provide proper attribution, acknowledging the original source of the content.

If you believe that your copyrighted work has been used on our site in a way that constitutes copyright infringement, please contact us promptly. We are committed to addressing and rectifying any such instances

To remove this article:
Removal Request