UP उपचुनाव के लिए BJP ने आठ उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. गाजियाबाद से महानगर बीजेपी अध्यक्ष संजीव शर्मा को टिकट दिया गया है. वहीं करहल सीट से अनुजेश यादव चुनाव लड़ेंगे. कानपुर की सीसामाउ सीट पर अभी मंथन जारी है. वहीं मीरापुर सीट आरएलडी के खाते मे जाने की संभावना है.
पार्टी ने कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर को उतारा है. इसके अलावा खैर (अजा) सीट से सुरेंद्र दिलेर, करहल अनुजेश यादव, फूलपुर से दीपक पटेल , कटेहरी धर्मराज निषाद और मझवा श्रीमती सुचिस्मिता मौर्या को टिकट दिया है.
कौन हैं चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट
कटहरी से धर्मराज निषाद बसपाई मूल से हैं. 3 बार बसपा से विधायक और बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं. 2022 से पहले बीजेपी में आए, चुनाव लड़े और हार गए. बीजेपी ने इन्हें फिर मौका दिया है. वहीं मझवा से सुचिस्मता मौर्य, बीजेपी से विधायक रही हैं. 2022 में सीट निषाद पार्टी को दे दी गई थी. इस बार मझवा से बीजेपी अपनी पार्टी की पूर्व विधायक को लड़ा रही है. वहीं लीगढ़ की खैर सीट से सुरेंद्र दिलेर, पूर्व बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर के बेटे हैं. वहीं बीजेपी ने करहल से समाजवादी पार्टी नेता और आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई अनुजेश यादव को बनाया प्रत्याशी हैं.
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निषाद पार्टी मांग रही थी दो सीटें
बीजेपी की सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी भी इस उपचुनाव में दो सीटें मांग रही थी. लेकििन जो सूची आई है उससे साफ है कि निषाद पार्टी को कोई सीट नहीं दी गई है. पिछली बार कटहरी की सीट पर निषाद पार्टी का उम्मीदवार लड़ा था. इसके अलावा निषाद पार्टी के उम्मीदवार को भाजपा ने मझवां की सीट पर अपने सिंबल पर लड़ाया था. इसी आधार पर संजय निषाद दोनों सीट इस उपचुनाव में मांग रहे थे.
बीजेपी की चुनौती
जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें बीजेपी के लिए कई चुनौतियां हैं. अखिलेश यादव की करहल के बाद दूसरे नंबर पर बीजेपी के लिए मुश्किल सीट है मुरादाबाद की कुंदरकी. कुंदरकी में 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के जियाउर रहमान विधायक बने थे. लोकसभा चुनाव में वे संभल सीट से सांसद चुने गए हैं. कुंदरकी विधानसभा पर बीजेपी को केवल एक बार 1993 में सफलता मिली थी. इस विधानसभा में मुस्लिम वोट करीब 65 फीसदी और हिन्दू वोट 35 फीसदी है.
इसके अलावा कानपुर की सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के सज़ायाफ्ता होने से खाली हुई है. यह समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक है, जहां इस बार सपा इरफान सोलंकी के परिवार से किसी को टिकट दे सकती है. वहीं, इरफान के साथ लोगों की सहानुभूति भी दिखाई देती है, ऐसे में यह सीट बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है.
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यूपी में 9 सीटों पर होना है उपचुनाव
दरअसल, यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होना था, उनमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल हैं. हालांकि अभी सिर्फ 9 सीटों पर उपचुनाव घोषित हुए हैं. मिल्कीपुर सीट पर तारीख का ऐलान नहीं हुआ है.