NET एग्जाम कैंसिल होने पर छलका अभ्यर्थी का दर्द, बोलीं- साल ही बर्बाद नहीं होता, टूटती है उम्मीद

7 months ago 13

अहमदाबाद में रहने वाली और यूजीसी नेट की परीक्षा देने वाली माया ने आजतक से बात करते हुए कहा कि पिछले एक साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थी. जब भी कोई परीक्षा कैंसिल होती है तब वक्त तो बर्बाद होता ही है साथ में हमारी उम्र भी बढ़ रही होती है. लेकिन सरकार को इस बात का कोई अहसास तक नहीं होता.

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सांकेतिक तस्वीर

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देशभर में 18 जून को आयोजित UGC-NET 2024 परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है. नेट पेपर लीक आशंका और परीक्षा रद्द होने के बाद तमाम निराशा और गुस्से में हैं. क्योंकि परीक्षा रद्द होने से न सिर्फ समय खराब होता है बल्कि उम्मीदवारों की हिम्मत और परिवार की उम्मीद भी टूटती है. ऐसे भी कई उम्मीदवार परीक्षा देते हैं जिनका परिवार शायद आगे परीक्षा में बैठने का चांस भी न दे. 

अहमदाबाद में रहने वाली और यूजीसी नेट की परीक्षा देने वाली माया ने आजतक से बात करते हुए कहा कि पिछले एक साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थी. इससे पहले दो बार अटेम्प कर चुकी थी जो कंप्यूटर बेस्ड (CBT) परीक्षा थी, लेकिन इस बार पेन और पेपर फॉर्मेट में परीक्षा हुई और परीक्षा कैंसिल कर दी गई. इस परीक्षा के लिए पिछले एक महीने से छुट्टी लेकर तैयारी कर रही थी. 

माया ने कहा कि जब भी कोई परीक्षा कैंसिल होती है तब वक्त तो बर्बाद होता ही है साथ में हमारी उम्र भी बढ़ रही होती है. लेकिन सरकार को इस बात का कोई अहसास तक नहीं होता. 

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यूजीसी नेट की परीक्षा देने वाली माया ने कहा कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और सहायक प्रोफेसरशिप की पात्रता के लिए हम लंबे समय से तैयारी कर रहे थे. परिवार को भी उम्मीद रहती है कि इस बार एग्जाम क्रैक होगा, अब पता चलता है कि परीक्षा कैंसिल कर दी गई है तो वक्त बर्बाद होने के साथ परिवार का भी दबाव बढ़ता है. माया ने कहा मेरी उम्र 26 साल है. ऐसे में पढ़ाई के साथ बढ़ती उमर में परिवार से शादी का दबाव भी रहता है. तीन साल का पीएचडी जो की पांच साल तक खत्म होता है फिर एक्सपीरियंस हासिल करो तब तक बहुत लंबा समय बीत जाता है ऐसे में पेपर कैंसिल होने से उम्मीदें खत्म होती जाती है.

जांच में सामने आई गड़बड़ी
बता दें कि  11 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने यूजीसी नेट का फॉर्म भरा था. 18 जून को एग्जाम हुआ लेकिन नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स डिवीजन (NCTAU) ने परीक्षा में विसंगतियों की कई शिकायतें मिलने के बाद अपनी जांच शुरू कर दी. जांच में सामने आया कि शिक्षण संस्थाओं के ऑनलाइन चैट फोरम पर यूजीसी नेट के क्वेश्चन पेपर और सॉल्व्ड पेपर के बारे में बातचीत चल रही है. इसके बाद नेट एग्जाम का रद्द करने का फैसला किया गया.

Article From: www.aajtak.in
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