सोनमर्ग और गगनगीर को जोड़ने वाली यह टनल 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें आपातकालीन स्थिति के लिए 7.5 मीटर चौड़ा समानांतर मार्ग है. ये टनल लद्दाख को पूरे साल सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ-साथ देश की रक्षा जरूरतों और क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाएगी.
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Z-Morch टनल का उद्घाटन करने जम्मू-कश्मीर पहुंचे PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) Z-Morh टनल का उद्घाटन करने के लिए जम्मू-कश्मीर के गांदरबल पहुंच रहे हैं. पीएम मोदी के कश्मीर दौरे को देखते हुए सुरक्षाबलों ने घाटी में सिक्योरिटी बढ़ा दी है. पीएम मोदी को सुनने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है, प्रमुख चौराहों पर दर्जनों चेकप्वाइंट बनाए गए हैं. गाड़ियों की गहन जांच की जा रही है और नियमित गश्त भी हो रही है.
Z-Morh टनल क्षेत्र में बहु-स्तरीय सुरक्षा
टनल क्षेत्र के पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा टीम, जिसमें एसपीजी के अधिकारी शामिल हैं, उन्होंने उद्घाटन स्थल पर जिम्मेदारी संभाल ली है. संवेदनशील स्थानों पर शार्पशूटर्स तैनात किए गए हैं और ड्रोन के माध्यम से हवाई व तकनीकी निगरानी की जा रही है.
क्यों अहम है यह टनल?
सोनमर्ग और गगनगीर को जोड़ने वाली यह टनल 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें आपातकालीन स्थिति के लिए 7.5 मीटर चौड़ा समानांतर मार्ग है. ये टनल लद्दाख को पूरे साल सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ-साथ देश की रक्षा जरूरतों और क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाएगी.
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टनल से क्या फायदे होंगे?
- सोनमर्ग टनल गगनगीर से सोनमर्ग तक निर्बाध यातायात सुनिश्चित करेगी
- राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर यात्रा की दूरी 49 किमी से घटकर 43 किमी हो जाएगी.
- वाहनों की गति 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी.
- यह टनल क्षेत्र के पर्यटन और व्यापार में तेजी लाने में सहायक होगी.
गेम चेंजर साबित होगी टनल
नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) ने इस टनल को इंजीनियरिंग का चमत्कार और क्षेत्र के लिए गेम चेंजर बताया है. साथ ही कहा कि यह परियोजना न केवल यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाएगी, बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच सामाजिक व आर्थिक विकास को भी गति देगी. Z-Morh टनल के साथ ज़ोजिला टनल का काम 2028 तक पूरा होगा. यह क्षेत्रीय रक्षा रसद और यातायात को सुगम बनाएगी. इससे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच जुड़ाव और विकास को नई दिशा मिलेगी.