केन्या सड़क से संसद तक हंगामा हो रहा है, हालात इस कदर खराब होते जा रहे हैं कि प्रदर्शन में कथित तौर पर पांच लोगों की जान चली गई है. यही नहीं देश की संसद को भी आग के हवाले कर दिया गया. ये उपद्रव दरअसल, सांसदों द्वारा पारित संशोधित नए टैक्स बिल को लेकर हो रहा है. जिसमें रोजमर्रा के सामनों पर भारी भरकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव शामिल है. इनमें ब्रेड पर 16 फीसदी, तो वहीं सैनेटरी पैड पर भी भारी टैक्स का प्रपोजल है. इससे जनता का गुस्सा फूट पड़ा है.
क्या है केन्या का नया टैक्स बिल?
केन्या में नया फाइनेंस बिल देश की जनता को रास नहीं आ रहा है और उनका गुस्सा सड़क से लेकर संसद तक पर उतरा है. आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाओं के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. यहां तक कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए गोलियां तक बरसानी पड़ रही हैं. सवाल ये कि आखिर ऐसा क्या है इस बिल में, जो हंगामे की वजह बना है. तो बता दें कि नए बिल में सरकार ने कई जरूरी सामानों पर टैक्स लगाया है, तो कई पर टैक्स में जोरदार इजाफा किया है.
Kenya Finance Bill 2024 में ब्रेड, कैंसर ट्रीटमेंट, कुकिंग ऑयल, बच्चों का डायपर से सैनेटरी पैड, मोटर वाहन, सोलर उपकरण से लेकर डिजिटल सर्विस से जुड़े प्रोडक्ट्स तक पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. हालांकि, सरकार ने देश में उग्र होते जा रहे प्रदर्शनों के बाद कुछ विवादास्पद प्रस्तावों को वापस ले लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि पूरा विधेयक ही रद्द कर दिया जाए.
सरकार के नए बिल के प्रमुख प्रस्ताव
ब्रेड 16% सेल्स टैक्स
कुकिंग ऑयल 25% टैक्स
मोटर वाहन 2.5% वैट
इंपोर्ट ड्यूटू 3% का प्रस्ताव
इसके अलावा अन्य कई तरह के टैक्स ऐसे लगाए जाने का प्रस्ताव है, जिनका विरोध किया जा रहा है. इनमें पर्यावरण शुल्क भी भी शामिल है. बिल के मुताबिक, पर्यावरण को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर टैक्स लगेगा. इस टैक्स के दायरे में मोबाइल फोन, कैमरा और रिकॉर्डिंग उपकरण सहित डिजिटल उत्पाद शामिल थे, ऐसे में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी आजीविका के लिए डिजिटल इकोनॉमी (Digital Economy) से संबंधित इन प्रोडक्ट्स पर निर्भर हैं.
सैनेटरी पैड से लेकर बच्चों के डायपर तक शामिल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों का कहना है कि इसके अलावा सैनेटरी पैड और बच्चों के डायपर पर टैक्स बढ़ाने से इनकी कीमत बढ़ेगी, जो नामंजूर है. उन्होंने कहा कि पहले से ही इन प्रोडक्ट्स को खरीदने में असमर्थ कई लड़कियां अक्सर स्कूल तक नहीं जा पाती हैं. यही नहीं कुछ विशेष अस्पतालों पर कर लगाए जाने के प्रस्ताव को लोगों ने हेल्थ सर्विसेज की लागत में वृद्धि और इलाज पर उनके खर्च में बढ़ोतरी का डर सता रहा है.
इसके अलावा बिल में Import Tax की दर को वस्तु के मूल्य के 2.5% से बढ़ाकर 3% करने का प्रस्ताव है, जिसका भुगतान इंपोर्टर को करना होगा. बल्कि एक साल पहले इसे 3.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी किया गया था. लोगों का कहना है कि इससे आयतित प्रोडक्ट्स की कीमतों में बड़ा इजाफा होगा.