इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 है. इस बीच, ज्यादातर टैक्सपेयर्स को अपना फॉर्म 16 मिल चुका होगा. फॉर्म 16 में आपके इनकम की पूरी जानकारी होती है. साथ ही यह भी बताया गया होता है कि आपकी सैलरी में कौन-कौन सी रकम जुड़ी है या काटी गई है. ITR भरने के दौरान फॉर्म 16 बड़े काम आता है. HRA से लेकर अन्य छूट के लिए भी फॉर्म 16 महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर गलत जानकारी भरी जाती है तो आपको नुकसान हो सकता है.
गौरतलब है कि धारा 10(13A) के तहत HRA छूट का दावा केवल तभी किया जा सकता है, जब कोई किराए के घर में रहता हो. इसके अलावा, HRA प्राप्त न करने वाले टैक्सपेयर्स जैसे कि नॉन सैलरीड कर्मचारी कुछ लिमिट के तहत धारा 80GG के तहत अपने किराये के खर्चों के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं. जो लोग अपने घर में रहते हैं, वे HRA छूट लाभ के लिए पात्र नहीं हैं. ऐसे में अगर आप गलत HRA क्लेम करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है. आइए जानते है नियम.
HRA वेतनभोगी व्यक्ति की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आयकर अधिनियम के तहत पर्याप्त टैक्स सेविंग का लाभ देता है. HRA का सही तरीके से दावा करने से टैक्स डिडक्शन मिल सकता है. यहां बताया गया है कि टैक्स फाइल करते समय HRA का दावा कैसे करें ताकि आपकी टैक्स सेविंग अधिकतम हो सके और आपको इसकी कीमत ना चुकानी पड़ जाए.
HRA छूट कैलकुलेशन
- नियोक्ता से मिले एक्चुअल हाउस रेंट अलाउंस
- सालाना किराए का भुगतान वेतन का 10 फीसदी घटाकर
- कर्मचारियों के मूल वेतन का 50% (मेट्रो शहरों में रहने वाले कर्मचारियों के लिए) या मूल वेतन का 40% (गैर-मेट्रो शहरों के लिए)
बता दें यह वह अमाउंट हैं, जो एचआरए के छूट के तहत आते हैं और इसमें से जो सबसे कम होगा, उस आधार पर HRA में टैक्स छूट दी जाती है. ऐसे में आप इस आधार पर कैलकुलेशन करके HRA क्लेम कर सकते हैं.
HRA के लिए कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी
- अगर किराया सालाना 1 लाख रुपये से अधिक है तो मकान मालिक से प्राप्त रसीद तथा मकान मालिक का पैन डिटेल देना होगा.
- रेंट एग्रीमेंट: एक औपचारिक रेंट एग्रीमेंट देना जरूरी है, जो आपके क्लेम को वेरीफाई करता है.
इन दस्तावेजों को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अधिकारियों द्वारा पूछताछ के मामले में उन्हें आसानी से उपलब्ध होना चाहिए. गलत HRA दावों के कारण दंड लग सकता है, इसलिए सावधान रहना और परिणामों के बारे में जागरूक होना ज्यादा जरूरी है.
कितना महंगा पड़ेगा गलत HRA क्लेम?
बिजनेस टुडे के मुताबिक, डेलॉयट के पार्टनर सुधाकर सेथुरमन ने कहा कि अगर अधिकारी यह कहता है कि किसी व्यक्ति ने अपनी आय कम बताई है या HRA की जानकारी गलत दी है, तो कम बताई गई इनकम पर देय टैक्स का 50% जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा, एचआरए जैसी आय छिपाकर टैक्स की चोरी की जाने वाली राशि का 3 गुना (300%) तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि HRA का सही तरीके से दावा करना न केवल एक कानूनी आवश्यकता है, बल्कि सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए एक टैक्स-बचत उपकरण भी है. यह आपकी टैक्स योग्य आय को काफी हद तक कम कर सकता है, जिससे आपको टैक्स रिटर्न बेहतर मिल सकता है.