5 साल, 15 राज्य और 41 भर्ती परीक्षाओं में धांधली... NTA की साख पर उठ रहे गंभीर सवाल

7 months ago 14

NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके, लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून (शुक्रवार) की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है, लेकिन इसने NTA को लेकर छात्रों की आशंका को बढ़ाने का ही काम किया है. ऐसे में सवाल ये है कि जिस एजेंसी का गठन परीक्षा में भरोसा बढ़ाने के लिए किया गया, उसकी विश्वसनीयता खत्म होने के लिए कौन जिम्मेदार है?

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर... ये देश के वो 15 राज्य हैं जहां पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. यानी परीक्षा में पेपरलीक की महामारी देशभर में फैली हुई है. सभी बड़े राज्यों के करोड़ों छात्र इससे पीड़ित हैं. NEET की परीक्षा में गड़बड़ी के बाद हो रहे इस विरोध ने तो बस इस आक्रोश को आवाज दी है. 

इन दिनों विद्यार्थी बहुत आक्रोश में हैं. उनका कहना है कि ऐसी कौन सी बात है कि जो बार-बार पेपर लीक हो जा रहे हैं. हम कैसी दुनिया में जी रहे हैं कि हम सालभर मेहनत करते हैं फिर आप पेपर लीक करवा देते हो. पूरी व्यवस्था खराब हो जाती है. छात्र कह रहे हैं कि NTA ने ही NEET का पेपर करवाया. ये हॉट मुद्दा बना हुआ है. उसके बाद भी ऐसी लापरवाही देखने को मिलती है. महीनेभर बाद भी वही व्यवस्था देखने को मिलती है. तो आप समझ सकते हैं कि कितनी लापरवाह है NTA.स्टूडेंट्स कह रहे हैं कि बार-बार वही गलतियां हो रही हैं. ऐसे में सवाल ये है कि इसमें सुधार क्यों नहीं हो रहा है. छात्र पूछते हैं कि जो NTA परीक्षा करवाने में असफल साबित हो रही है, उसे कौन ठीक करेगा? 

हर राज्य के छात्र परेशान

पेपर लीक से देशभर के छात्र परेशान हैं. वो चाहे कोई भी राज्य हो, पेपर लीक और परीक्षा में धांधली का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. करोड़ों छात्रों के साथ नाइंसाफी हो रही है. हालांकि सरकार NEET परीक्षा के 47 दिन बाद NTA में सुधार के लिए कमेटी बनाने का फैसला कर चुकी है, जो NTA में सुधार सुझाएगी. जबकि छात्र समस्या की जड़ में जाना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें: 'जीरो एरर एग्जाम के लिए सरकार प्रतिबद्ध, जांच के लिए बनाएंगे हाई लेवल कमेटी', NEET पेपर लीक पर बोले शिक्षामंत्री

कैसे अस्तित्व में आया NTA?

साल 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए एकल, स्वायत्त और स्वतंत्र एजेंसी का गठन करने की घोषणा की गई. प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त रखने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से इसकी स्थापना की बात कही गई. और 1 मार्च 2018 को NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)अस्तित्व में आ गया. 

स्टूडेंट्स पूछ रहे- अगली बार पेपरलीक नहीं होगा, इसकी क्या गारंटी है

अब नीट की परीक्षा रद्द हो या न हो, छात्रों के एक वर्ग का नाखुश होना तय है. हालांकि शिक्षामंत्री छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ न होने की बात कह रहे हैं, लेकिन छात्रों का सवाल ये है कि जिस NET की परीक्षा प्राथमिक इनपुट के आधार पर रद्द कर दी जाती है. तो फिर ऐसा NEET को लेकर क्यों नहीं किया गया. सतना से भोपाल आकर रहकर सालभर से NET की तैयारी करने वाली नेहा, सरकार से पूछना चाहती हैं कि अगली बार परीक्षा का पेपर लीक नहीं होगा इसकी क्या गारंटी है. चाहे राज्यों में भर्ती परीक्षा हो या फिर दाखिले के लिए एग्जाम. हर छात्र को पेपरलीक और परीक्षा में धांधली का़ डर सताता रहता है, यानी पेपरलीक देश में एक गंभीर मुद्दा बन चुका है. 

NTA की स्थापना के बाद से हर साल परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप 

NTA को साल 2018 में बनाया गया, लेकिन उसकी स्थापना के बाद से तकरीबन हर साल परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली के आरोप लगे हैं. साल 2019 में JEE मेंन्स के दौरान छात्रों को सर्वर में खराबी होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ ही कुछ जगहों पर छात्रों ने प्रश्न पत्र में देरी की भी शिकायत की थी. NEET अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम 2020 में एनटीए पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. एग्जाम को कई बार स्थगित करना पड़ा था. इस परीक्षा में कई अनियमितता की शिकायतें सामने आई थीं. 

साल 2021 में JEE मेन्स के एग्जाम में कुछ गलत प्रश्न को लेकर भी हंगामा देखने को मिला था. कई जगहों पर शिक्षा माफियाओं की तरफ से गलत तरीके से एग्जाम पास करवाने की कोशिशों का भी आरोप लगा था. 2021 में ही NEET परीक्षा में राजस्थान के भांकरोटा में सॉल्वर गैंग द्वारा गड़बड़ी करने का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर भी देशभर में हंगामा देखने को मिला था, विभिन्न केंद्रीय, राज्य, प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में साल 2022 में गड़बड़ी की शिकायतें हुई थीं. सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्थान से आई थीं. 

इसके बाद एजेंसी को कुछ जगहों पर फिर से एग्जाम करवाना पड़ा था. इस साल नीट के एग्जाम में भी गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं. इस साल NEET परीक्षा को लेकर देशभर में हंगामा जारी है. छात्र ग्रेस मार्क्स को लेकर नाराज हैं. वहीं, बिहार में पेपरलीक का खुलासा हो चुका है. जिससे NTA की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सवालों के घेरे में है. 

18 जून को हुई UGC-NET की परीक्षा भी रद्द की जा चुकी है. ये फैसला UGC को गृह मंत्रालय से पेपर आउट होने का इनपुट मिलने के बाद लिया गया. इस तरह NTA की स्थापना के 6 सालों में सिर्फ 2 बार, साल 2018 और 2023 में पेपरलीक और गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली, वरना NTA बनने के बाद तकरीबन हर साल परीक्षा सवालों में घिरी रही है.

ये भी पढ़ेंः 18 जून को पेपर, 19 को रद्द... इन सुरागों से सरकार को UGC-NET लीक होने की लगी भनक
 

पेपरलीक पर राजनीति शुरू

जब देशभर के लाखों छात्र परेशान हैं, तब इस पर राजनीति भी खूब हो रही है. बिहार में NEET का पेपरलीक हुआ, उसके आरोपी भी पकड़े गए, लेकिन बिहार में अब आरोपियों का एक-दूसरे से कनेक्शन बताया जा रहा है. NEET धांधली का मुख्य आरोपी अमित आनंद है, जिसने पेपर लीक करवाया. जबकि दूसरा आरोपी सिकंदर यादवेंदु है, जिसने पेपर बेचने के लिए डील की. इसके बाद पेपर खरीदने वाले छात्र हैं, जिन्होंने 40-40 लाख रुपये में पेपर खरीदे और चौथा बड़ा आरोप प्रदीप कुमार पर है, जो तेजस्वी यादव का निजी सचिव है, जिन पर आरोपी छात्रों के लिए गेस्ट हाउस का कमरा बुक करवाने का आरोप है. बिहार के डिप्टी सीएम ने सबसे पहले तेजस्वी यादव पर पेपरलीक मामले में उंगली उठाई, लेकिन तेजस्वी यादव ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि बिहार सरकार किंगपिन को न बचाए और मेरे पीए को बुलाकर पूछताछ कर ले. 

NEET पेपरलीक का सूत्रधार है अमित आनंद 

अमित आनंद NEET पेपरलीक मामले का सूत्रधार है, जो इससे पहले कई पेपरलीक में शामिल रह चुका है, ये आरोपी कबूल कर चुका है कि उसने लाखों रुपये में सिकंदर यादवेंदु से पेपर की डील की. अमित आनंद ने बताया था कि मेरी दोस्ती सिकंदर यादुवेंदु के साथ है. जिनसे मेरी मुलाकात नगर परिषद दानापुर के कार्याकल में नीतीश कुमार के साथ हुई. मैंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करवाकर बच्चों को पास करवाता हूं. इस पर सिकंदर ने कहा कि नीट की तैयारी करने वाले 4-5 बच्चों को पास करवा दीजिए. नीतीश और मैंने बताया कि 30-32 लाख रुपये लगेंगे, तो सिकंदर ने तैयार हो गए. नीट की परीक्षा आई, तो सिकंदर ने पूछा कि लड़कों को कब बुलाएं. मैंने कहा कि 4 मई की रात को बुलाइए, जहां NEET की परीक्षा का पेपर लीक करवाकर बच्चों को उत्तर के साथ पढ़वाया और रटाया गया. अमित आनंद ने कबूल किया कि मेरे फ्लैट से नीट परीक्षा का जला हुआ प्रश्नपत्र और उत्तर का जला हुआ अवशेष पुलिस ने जब्त किया. उसने कहा कि वह पहले भी इस तरह के काम कर चुका है. 

(रिपोर्ट- आजतक ब्यूरो)

Article From: www.aajtak.in
Read Entire Article



Note:

We invite you to explore our website, engage with our content, and become part of our community. Thank you for trusting us as your go-to destination for news that matters.

Certain articles, images, or other media on this website may be sourced from external contributors, agencies, or organizations. In such cases, we make every effort to provide proper attribution, acknowledging the original source of the content.

If you believe that your copyrighted work has been used on our site in a way that constitutes copyright infringement, please contact us promptly. We are committed to addressing and rectifying any such instances

To remove this article:
Removal Request